शहर से प्रतिदिन चलने वाली 500 बसों के हजारों यात्री भगवान भरोसे

उज्जैन।रविवार शाम त्रिवेणी ब्रिज पर इंदौर से करीब 60 यात्रियों को लेकर आ रही बस ओवरटेक के चक्कर में डिवाइडर तोड़ते हुए पुल पर खतरनाक स्थिति में लटक गई, पुल पर लोहे की जाली लगी होने के कारण नदी में गिरने से बची अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। दुर्घटना के बाद पुलिस ने ड्रायवर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। यह कोई पहली घटना नहीं जब यात्रियों से भरी बस दुर्घटना की शिकार हुई हो लेकिन आरटीओ, ट्राफिक पुलिस की अनदेखी के कारण इस प्रकार के हादसे प्रतिदिन शहर और आसपास के मार्गों पर हो रहे हैं स्थिति यह है कि शहर से प्रतिदिन चलने वाली 500 बसों के यात्री भगवान भरोसे होते हैं, क्योंकि केन्द्र और म.प्र. शासन द्वारा बनाये गये मोटर व्हीकल रूल्स के मानकों पर एक भी बस परफेक्ट नहीं है।

किन मार्गों पर कितनी बसें
शहर का सबसे व्यस्ततम रूट है उज्जैन-इंदौर मार्ग। इसी मार्ग पर शहर की सबसे अधिक 150 बसें प्रतिदिन संचालित होती हैं। एक बस दिन में इंदौर के दो फेरे करती है। नानाखेड़ा और देवासगेट बस स्टेण्ड पर प्रति 5 मिनिट में इंदौर जाने के लिये बस तैयार मिलती है। एक अनुमान के मुताबिक इन बसों में प्रतिदिन 20 हजार यात्री सफर करते हैं।

दूसरा सबसे व्यस्ततम रूट है आगर रोड़। इस रूट पर 100 बसें प्रतिदिन शहर से चलती हैं। देवासगेट बस स्टेण्ड से चलने वाली इन बसों में नलखेड़ा, बड़ौद, आगर, कोटा, बूंदी, पाटन, महिदपुर, जावरा आदि स्थानों के लिये लोग यात्रा करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस मार्ग की बसों में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं।

तीसरे नंबर पर शाजापुर रूट आता है। इस रूट पर देवासगेट बस स्टैंड से प्रतिदिन 80 बसें संचालित होती हैं। प्रत्येक बस उज्जैन से शाजापुर के बीच 2-2 फेरे लगाती हैं। इसी रूट पर 4 बसें ऐसी हैं जो ब्यावरा तक जाती हैं। इन बसों में प्रतिदिन लगभग 8 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं।

उक्त तीनों अति व्यस्ततम रूटों के अलावा देवासगेट और नानाखेड़ा बस स्टेण्ड से देवास रूट पर 35 बसें, बडऩगर रूट पर 60 बसें, नागदा रूट पर 10, नीमच के लिये 4 और रतलाम के लिये 8 बसें संचालित होती हैं जिनमें यात्रियों की संख्या हजारों में होती हैं।
(ड्रायवरों, क्लिनरों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक)

टीमें कर रही कार्रवाई…
हमारे विभाग की अलग-अलग टीमें समय-समय पर वाहनों की जांच एवं कार्रवाई करती है। त्रिवेणी पुल पर हुई घटना की भी जांच की जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। – अरङ्क्षवद कुशराम, आरटीओ

यह हैं मोटर व्हीकल एक्ट के नियम
बसों के नियमानुसार संचालन के लिये केन्द्र और म.प्र. शासन द्वारा मुख्य रूप से 37 नियम निर्धारित करने के साथ ही नियमों का उल्लंघन करने पर शमनशुल्क वसूली की कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत समय समय पर आरटीओ और यातायात पुलिस द्वारा वाहनों की जांच की जाकर कार्रवाई की जाती है।

खास बात यह कि वर्तमान में शहर में जितनी भी बसें संचालित हो रही हैं उनमें से एक भी बस नियमों के अनुसार नहीं हैं उदाहरण के तौर पर बसों में स्पीड गर्वनर, ड्रायवर को वर्दी पहनकर नेमप्लेट लगाना, यात्री को किराये की रसीद देना, कंडक्टर को वर्दी पहनने के साथ नेमप्लेट लगाना, बस के अंदर भारी सामान रखना, महिला सीट रिजर्व रखना शामिल हैं। इसके अलावा बसों को अपडेट रखने संबंधी नियम केन्द्र शासन द्वारा अलग से निर्धारित किये गये हैं।

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